Motivational blog |Positive raho
ये रास्ते भी पार हो जाएंगे । कभी-कभी सोचती हूं, उस वक्त के बारे में जब सपनों को हकीकत करने की शुरुआत की थी । ना रास्तों का पता था और ना मंजिल का, ना ज्यादा सोर्सेस थे और ना परफेक्शन । यहां तक कि यह भी मालूम नहीं था कि अगले पल अगर कोई चैलेंज आ गया तो उसको फेस कैसे करेंगे, बस यह मालूम था कि सपनों को हकीकत करना है। जिस दिन शुरुआत की उस दिन खुद पर यकीन था और कुछ नहीं । जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई वैसे ही रास्ते मिलते गए । कुछ रास्ते खुद भी बनाएं और कुछ को पार करने के लिए अपनों का साथ मिला और रास्ते पार होते गए। पर सफर अभी खत्म नहीं हुआ है । अभी सफर लंबा है । आज कहीं अगर अटक गए हो, तो एक बार खुद पर पहले ही दिन की तरह फिर से यकीन दिखाओ । यह रास्ते भी पार हो ही जाएंगे ।। © कोमल कुमावत ✍️